चित्तौड़गढ़ किले के बारे में रोचक तथ्य | Interesting Facts About Chittorgarh Fort Rajasthan

 चित्तौड़गढ़ का किला बेराच नदी के किनारे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में बसा हुआ है. ये राजस्थान का गौरव है और भारत का सबसे बड़ा किला. इसका निर्माण मौर्यों द्वारा सातवीं सदी में हुआ था. यह किला राजपूतों के साहस, शौर्य, त्याग, बलिदान और बड़प्पन की धरोहर माना जाता है. यह किला राजपूत शासकों की वीरता, उनकी महिमा एवं शक्तिशाली महिलाओं के अद्धितीय और अदम्य साहस की कई कहानियों को अपने अंदर समेटे हुए हैं| आइए जानते हैं भारत के इस सबसे बड़े किले के इतिहास और इससे जुड़े रोचक एवं दिलचस्प तथ्यों के बारे में-           

Chittorgarh Fort Rajasthan
Chittorgarh Fort Rajasthan

चित्तौड़गढ़ किले के बारे में रोचक तथ्य | Interesting Facts About Chittorgarh Fort Rajasthan

1. इस अवधि के सिक्कों पर अंकित “मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी” के नाम पर इसका नाम पड़ा. एक समय में यह किला मेवाड़ की राजधानी था. इस किले का उपयोग आठवीं से कहा जाता है कि चितौड़गढ़ के किले को सातवीं सदी में मौर्यों द्वारा बनवाया गया था. सोलहवीं सदी तक मेवाड़ पर राज करने वाले गहलोत और सिसोदिया राजवंशों ने निवास स्थल के रूप में किया.

2. इस किले के आकार के बारे में अगर बात की जाए तो इसकी लम्बाई लगभग 3 किलोमीटर, परिधि 13 किलोमीटर लम्बी और तकरीबन 700 एकड़ ज़मीन पर फैला हुआ है. और अपने विशालकाय आकार, भव्यता और सौंदर्य के कारण इसे 2013 में UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया था|

3. यह ऐतिहासिक और भव्य दुर्ग के परिसर में करीब 65 ऐतिहासिक और बेहद शानदार संरचनाएं बनी हुई हैं, जिनमें से 19 मुख्य मंदिर, 4 बेहद आर्कषक महल परिसर, 4 ऐतिहासिक स्मारक एवं करीब 20 कार्यात्मक जल निकाय शामिल हैं.

4. इस किले में 7 प्रवेश द्वार हैं: राम पोल, लक्ष्मण पोल, पडल पोल, गणेश पोल, जोरला पोल, भैरों पोल और हनुमान पोल.नाम के अलग-अलग द्वार हैं जो इस में प्रवेश के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. इसके लिए का मुख्य द्वार सूर्य पोल माना जाता है और उसे पार करने के बाद ही आप इस किले में प्रवेश कर सकते हैं.

5. साथ ही पहाड़ की शिखा पर दुर्ग परिसर में कई जलाशय भी दुर्ग को विशेष बनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि पहले इस किले में 84 जल निकाय थे जो 50,000 सैनिकों को 4 साल तक पानी की आपूर्ति प्रदान कर सकते थे, जिनमें से केवल अब लगभग 22 बचे हैं.

6. किले के अंदर स्थित विजय स्तंभ 1440 ई. से 1448 ई. के बीच में मेवाड़ के महाराणा कुंभा द्वारा मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष्य में बनवाया गया था। यह 37.19 मीटर ऊंचा है और इसमें 9 मंजिलें हैं।

7. कीर्ति स्तंभ एक जैन स्मारक है जो 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह स्तंभ जैन धर्म के पहले तीर्थंकर, आदिनाथ को समर्पित है और इसकी ऊंचाई लगभग 22 मीटर है।

8. चित्तौड़गढ़ किले के अंदर कई महल भी स्थापित हैं. जैसे कि पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल और फ़तेह प्रकाश महल आदि. इस किले का सबसे खास और खूबसूरत हिस्सा राणा कुभा का महल है. महल के अंदर झीना रानी का महल, सुंदर शीर्ष गुंबद और छतरियां, झीना रानी महल के पास गौमुख कुंड आदि खूबसूरत पर्यटन क्षेत्र हैं.

9. किले के दक्षिणी हिस्से में एक बहुत ही खूबसूरत सरोवर है जिसके पास रानी पद्मिनी महल का निर्माण किया गया है.3 मंजिला इमारत के शिखर पर एक मंडप बनाया गया है जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है. यह महल चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है और माना जाता है कि रानी पद्मावती की पहली झलक खिलजी को इसी पानी में देखने को मिली थी.

10. इस किले में बने जौहर कुंड में अपने स्वाभिमान और सम्मान को बचाने के लिए रानी पद्मावती, रानी कर्णावती एवं रानी फूलकंवर ने खुद को अग्नि में न्यौछावर या जौहर (आत्मदाह ) कर दिया था.

यह किला राजस्थान के शासक राजपूतों, उनके साहस, बड़प्पन, शौर्य और त्याग का प्रतीक है. चित्तौड़गढ़ किला भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके शौर्य और बलिदान की कहानियाँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

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