श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में रोचक तथ्य | Facts About Shri Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर, जो वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में स्थित है, भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। इसे भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है। वाराणसी को "काशी" के नाम से भी जाना जाता है, और यह स्थान भगवान शिव के निवास स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। काशी विश्वनाथ मंदिर भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और धार्मिकता का एक प्रमुख केंद्र है।

Shri Kashi Vishwanath Temple

Shri Kashi Vishwanath Temple


श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में रोचक तथ्य | Facts About Shri Kashi Vishwanath Temple:

  1. काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
  2. यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है। काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।
  3. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर के स्पर्श मात्र से राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि एक बार मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
  4. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दो हिस्सों में बंटा हुआ है. दाहिने भाग में शक्ति के रूप में मां दुर्गा विराजमान हैं, तो दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप में विराजमान हैं. यही कारण है कि काशी को मुक्ति का एकमात्र धाम कहा जाता है.
  5. काशी विश्वनाथ मंदिर में जब मुर्तियों का श्रृंगार किया जाता है तो उनका मुख पश्चिम दिशा की ओर होता है। इस ज्योतिर्लिंग में शिव और शक्ति दोनों साथ ही विराजते हैं
  6. इसमें एक सोना चढ़ाया हुआ गुंबद और दो सोने के शिखर हैं, जो पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह द्वारा दान किए गए थे।
  7. कशी विश्वनाथ के चार द्वार के नाम है कला द्वार, प्रतिष्ठा द्वार, शांति द्वार और निवृत्ति द्वार।
  8. गंगा किनारे स्थापित इस मंदिर की स्थापना 1490 में हुई थी. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव गंगा के किनारे इस नगरी में निवास करते हैं. उनके त्रिशूल की नोक पर काशी बसी है.
  9. मुगल सम्राट अकबर ने इस मंदिर बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में औरंगजेब ने इसे नष्ट कर दिया था।
  10. काशी विश्वनाथ मंदिर का अंतिम बार पुनर्निर्माण इंदौर की रानी, ​​​​रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा किया गया था। हालाँकि, बाद में अकबर के परपोते औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट कर दिया था और उसकी जगह एक मस्जिद बनवाई थी।
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