उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है और इसे हिंदू धर्म के सबसे पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह एकमात्र दक्षिणमुखी (दक्षिण की ओर मुख वाला) ज्योतिर्लिंग है। दक्षिणमुखी शिवलिंग तंत्र के अनुसार अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव को महाकाल के रूप में पूजा जाता है
![]() |
Mahakaleshwar Temple Ujjain |
उज्जैन महाकाल मंदिर के बारे में आश्चर्यजनक रोचक तथ्य | Interesting Facts About Mahakaleshwar Temple Ujjain:
- महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
- वराह पुराण में कहा गया है कि महाकालेश्वर पृथ्वी के मध्य बिंदु या नाभि पर स्थित हैं, जिसे उज्जैन राज्य के रूप में पहचाना जाता है।
- माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी ई. में उज्जैन के भूतपूर्व राजा चंदप्रद्योत के पुत्र कुमारसेन ने करवाया था। 12वीं शताब्दी ई. में राजा उदयादित्य और राजा नरवर्मन के शासनकाल में इसका पुनर्निर्माण किया गया था। बाद में, पेशवा बाजीराव प्रथम के शासनकाल में मराठा सेनापति रानोजी शिंदे ने 18वीं शताब्दी ई. में इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की इमारत के ऊपरी तल पर मराठाकालीन नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा के दर्शन साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर ही होते हैं।
- महाकाल शब्द का एक अर्थ है महा+काल यानी समय के स्वामी। उज्जैन को कालगणना का केंद्र माना जाता है। इसी वजह से उज्जैन में बने पंचांगों का महत्व काफी है। माना जाता है कि ज्योतिषीय काल गणना के लिए उज्जैन सर्वश्रेष्ठ स्थान है।
- मंदिर की वास्तुकला में भूमिजा, मराठा और चालुक्य शैलियों का एक सहज मिश्रण है। मंदिर में पाँच मंजिलें/स्तर हैं।
- मंदिर के पुजारी अनुष्ठान करते समय हाल ही में जलाए गए शव की राख का उपयोग करते हैं। इसे भस्म आरती के नाम से जाना जाता है जो सुबह 4:00 बजे शुरू होती है।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास ही 51 शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि शक्तिपीठ स्थापित है। शिव जी, देवी शक्ति और शिप्रा नदी के कारण इस ज्योतिर्लिंग का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है।
- उज्जैन के कालभैरव का एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। कालभैरव को शहर का कोतवाल माना जाता है। कालभैरव को चांदी की प्लेट से शराब पिलाई जाती है। आज भी ये चमकत्कार आसानी से मंदिर में देखा जा सकता है।
- उज्जैन का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है। श्रीकृष्ण ने यहां ऋषि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण की थी। यहीं श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता भी हुई। श्रीकृष्ण की एक पटरानी मित्रवृंदा उज्जैन की राजकुमारी थीं।
महाकालेश्वर मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक अभिन्न हिस्सा है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान शिव के दर्शन करते हैं, बल्कि एक दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव का अनुभव करते हैं।
इन्हें भी पढ़ें
- सोमनाथ मंदिर से जुड़े ऐतिहासिक तथ्य
- माता वैष्णो देवी मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- खजुराहो मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- शिरडी साईं बाबा मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- अमरनाथ जी गुफा के बारे में रोचक तथ्य
- जानें सोमनाथ मंदिर से जुड़े ऐतिहासिक तथ्य
- स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य
- मीनाक्षी देवी मंदिर मदुरै के बारे में रोचक तथ्य
- स्वर्ण मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- लोटस टेंपल के बारे में रोचक तथ्य
- कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर के रोचक तथ्य
- श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर के रोचक तथ्य
- तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के बारे में रोचक तथ्य
- श्री रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम के कुछ रोचक तथ्य
- श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- मेहरानगढ़ किले के बारे में रोचक तथ्य
- जैसलमेर किले के बारे में रोचक तथ्य
- आमेर किले के बारे में रोचक तथ्य